By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
News To NationNews To NationNews To Nation
  • भारत
    • राष्ट्रीय सुरक्षा
    • देश-समाज
    • राज्य
      • दिल्ली NCR
      • पंजाब
      • यूपी
      • राजस्थान
  • विविध
    • विविध विषय
    • भारत की बात
    • धर्म संस्कृति
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी
  • राजनीति
    • रिपोर्ट
    • कटाक्ष
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड TV ख़बरें
    • वेब स्टोरीज
  • सोशल
    • सोशल ट्रेंड
    • रिपोर्ट
  • बिजनेस
  • अंतरराष्ट्रीय
    • दुनिया
  • हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष
    • कटाक्ष
Reading: जहरीले बाप का विषधर सपोला: सनातन पर जहर जमकर घोला News To Nation
Share
Notification Show More
News To NationNews To Nation
  • भारत
    • देश-समाज
    • राज्य
  • राजनीति
    • राजनीति
    • रिपोर्ट
    • राष्ट्रीय सुरक्षा
  • मनोरंजन
    • वेब स्टोरीज
    • बॉलीवुड TV ख़बरें
  • विविध
    • विविध विषय
    • धर्म संस्कृति
    • भारत की बात
    • बिजनेस
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी
  • सोशल
Follow US
  • भारत
  • राजनीति
  • मनोरंजन
  • विविध
  • सोशल
© 2023 Saffron Sleuth Media. All Rights Reserved.

Home » जहरीले बाप का विषधर सपोला: सनातन पर जहर जमकर घोला News To Nation

Editor's desk

जहरीले बाप का विषधर सपोला: सनातन पर जहर जमकर घोला News To Nation

NTN Staff
2 years ago
14 Min Read
Share
SHARE

मित्रों उदयनिधि स्टेलीन ने अपने पोतनहर जैसे भक्सावन मुंह से दुर्गंध फैलाते हुए अपने पिता और दादा के दिखाए गुःखोरी वाले मार्ग का अनुसरण करते हुए “सनातन धर्म” के बारे में अनर्गल प्रलाप और मिथ्या प्रवँचनाये की गयी। खैर ये तो दो बोरी चावल का प्रभाव था। ये एक कन्वर्ट ईसाई है, इसलिए अपने मजहब की निम्न कोटी की निकृष्ट मानसिकता का प्रदर्शन तो करेगा ही।

पर आप आइये सर्वप्रथम हम कुछ शब्दों में बताते हैँ कि सनातन क्या है?

जो सृष्टि के साथ उत्पन्न हुआ वो सनातन है,
जो प्रकृति के साथ पला बढ़ा वो सनातन है,
जो शाश्वत है, जिसका कोई आदि है ना अंत है
जो अखंड, अविरल, अलौकिक और अनंत है
जो जीवन का सही राह् दिखाए वो सनातन है
जो परोपकार का पथ दिखलाये वो सनातन है

जो सत्य, अहिंसा, त्याग, करुणा और प्रेम की मूर्ति है
जो दया, धर्म, सदाचार और समाजिकता की अभियक्ति है
जो वसुधैव कुटुंबकम की प्रकल्पना करे वो सनातन है
जो जियो और जिने दो की संकल्पना करे वो सनातन है

पशु पक्षी, पेड़ पौधे, किट पतंगे,पर्वत पठार और मरूस्थल
काल, समय, गति ,ऊर्जा, ज्ञान विज्ञान और दर्शन का हर पल
जो सबमें स्वयं को देख सबको समान माने वो सनातन है
जानते हुए भी अनजान बनकर सबको जाने वो सनातन है

वेदों से बहता अविरल विज्ञान सनातन है।
पुराणों की कथाओं का सार सनातन है।
उपनिषदों से निकला ज्ञान सनातन है।
रामायण , महाभारत, गीता का अभिप्राय सनातन है
सृष्टि के आरम्भ का अध्याय सनातन है।

मित्रों कुछ (कन्वर्ट) जीवों के मस्तिष्क में समय समय पर उत्पन्न होने वाले नकारात्मक प्रभाव इतने दुश्प्रभावी हो जाते हैँ कि वो विक्षिप्त अवस्था में पहुंच जाते हैँ और अपने मुखद्वार को गुदाद्वार बना “अनाप शनाप” बोलने लगते हैँ। परन्तु इन पर कठोरता से दया दिखाने की आवश्यकता मुझे महसूस होती है।

आइये सनातन का विश्लेषण कर लेते हैँ:-
‘सनातन’ का अर्थ है – शाश्वत या ‘सतत बना रहने वाला’, अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। अब यंहा पर आप सोच रहे होंगे की यंहा परम शक्ति को छोड़ कोई भी शास्वत और निरंतर नहीं है केवल उसी का ना आदि है ना अंत है, फिर “सनातन” क्या उस “परम शक्ति” के समान है जो इसका भी ना आदि है ना अंत है।

आइये इसे समझने का प्रयास करते हैँ।

अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च।
नित्य: सर्वगत: स्थाणुरचलोऽयं सनातन:।।
अर्थात- हे अर्जुन! जो छेदा नहीं जाता। जलाया नहीं जाता। जो सूखता नहीं। जो गीला नहीं होता। जो स्थान नहीं बदलता। ऐसे रहस्यमय व सात्विक गुण तो केवल परमात्मा में ही होते हैं। जो सत्ता इन दैवीय गुणों से परिपूर्ण हो। वही सनातन कहलाने के योग्य है।

अब आप महायोगी श्रीकृष्ण के द्वारा अर्जुन को उदेश देते वक्त कहे गये इस श्लोक को ध्यान और सूक्ष्मता से समझने का प्रयास करें। इस श्लोक के माध्यम से भगवान कृष्ण कहते हैं कि जो न तो कभी नया रहा। न ही कभी पुराना होगा। न ही इसकी शुरुआत है। न ही इसका अंत है। अर्थात ईश्वर को ही सनातन कहा गया है।

इसका तात्पर्य यह है कि “सनातन” एक ऐसी व्यवस्था है जिसे सृष्टि के क्रमिक विकास ने स्वयं के साथ पाला पोसा है, इसको किसी ने जन्म नहीं दिया, ये इस सृष्टि के साथ सतत प्रस्तुत है और इस सृष्टि के विनाश के पश्चात उत्पन्न होने वाली नई सृष्टि को आत्मसात कर ये फिर उसके साथ हो लेगी अत: इसका कभी भी अंत नहीं होने वाला।

उदाहरण के लिए :- एक मुसलमान के घर में पैदा हुआ बच्चा जन्म से सनातनी हि होता है, क्योंकि वो प्राकृतिक रूप में पैदा होता है, अन्य बच्चों की तरह फिर बाद में उस बच्चे के साथ कुछ क्रिया कर्म करके उसको मोमिन बनाया जाता है।

इसी प्रकार ईसाई के घर में पैदा हुआ बच्चा भी सनातनी हि होता है, वो प्राकृतिक रूप में पैदा होता है फिर उसे कुछ क्रिया कर्म करके ईसाई बनाया जाता है।

आप इस प्रकृति में विचरण करने वाले किसी भी जीव को देख ले चाहे हो वो स्तनधारी हो या अंडज हो , जलचर हों, स्थलचर हों, नभचर हों या उभयचर हों ये सभी सनातनी होते हैँ, क्योंकि इनके बच्चे सनातन धर्मियों की भांति हि प्राकृतिक रूप से पैदा होते हैँ और प्राकृतिक रूप से अंत को प्राप्त होते हैँ।

इस दुनियाँ का कोई भी जीव पैदा होते समय सनातनी होता है, मजहबी घरों वाला फिर मोमिन या ईसाई बन जाता है। शेर, भालू, गाय, घोड़ा, गधा या चिल और कौवा या फिर अन्य जानवर, जीव और जन्तु कभी भी मोमिन या ईसाई नहीं होते।

वेदेषु यज्ञेषु तपःसु चैव दानेषु यत्पुण्यफलं प्रदिष्टम्‌।
अत्येत तत्सर्वमिदं विदित्वा योगी परं स्थानमुपैति चाद्यम्‌৷
(अक्षरब्रह्मयोग अध्याय ८ श्लोक २८)

अव्यक्तोऽक्षर इत्युक्तस्तमाहुः परमां गतिम्‌।
यं प्राप्य न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम৷৷
(अक्षरब्रह्मयोग अध्याय ८ श्लोक २१)
भावार्थ : जो अव्यक्त ‘अक्षर’ इस नाम से कहा गया है, उसी अक्षर नामक अव्यक्त भाव को परमगति कहते हैं तथा जिस सनातन अव्यक्त भाव को प्राप्त होकर मनुष्य वापस नहीं आते, वह मेरा परम धाम है॥

बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि पार्थ सनातनम्‌।
बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम्‌॥
(अध्याय ७ ज्ञानविज्ञानंयोग श्लोक १०)
भावार्थ : हे अर्जुन! तू सम्पूर्ण भूतों का सनातन बीज मुझको ही जान। मैं बुद्धिमानों की बुद्धि और तेजस्वियों का तेज हूँ॥

उपर्युक्त श्लोकों का सूक्ष्म विश्लेषण करने पर गहन ज्ञान की प्राप्ति होती है। सनातन अव्यक्त भाव, वेदों का अध्ययन, यज्ञ और हवन, तप, और त्याग इत्यादि को जान लेने वाला मनुष्य रूपी जीव सदैव के लिए परमापिता परमात्मा में विलीन हो जाता है और मुक्ति प्राप्त कर लेता है।

लोकरझ्जनमेवात्र राज्ञां धर्मः सनातनः।”
अर्थात- प्रजा को सुखी रखना यही राजा का सत्यसनातन धर्म है । प्रजा के हित में अपना हित और प्रजा के दुःख को अपना दुःख मानकर सदैव प्रजा के खुशी और सुख के लिए राजकार्य करना हि एक राजा का सत्य सनातन धर्म है और इसके लिए उसे कभी कभी कठोर या अति कठोर निर्णय भी लेने पड़ते हैँ।

अद्रोहः सर्वभूतेषु कर्मणा मनसा गिरा।
अनुग्रहश्च दानं च सतां धर्मः सनातनः।।”

अर्थ – मन, वाणी और कर्म से प्राणियों के प्रति सद्भावना, सब पर कृपा और दान यही साधु पुरुषों का सनातन-धर्म है।

सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियं।
प्रियं च नानृतं ब्रूयात् एष धर्मः सनातनः॥”
अर्थात- सच बोलते रहना चाहिए, मीठा बोलते रहें लेकिन अप्रिय सच नहीं बोलना चाहिए और प्रिय झूठ नहीं बोलना चाहिए, यही सत्य सनातन धर्म की परम्परा है।

अथाहिंसा क्षमा सत्यं ह्रीश्रद्धेन्द्रिय संयमाः ।
दानमिज्या तपो ध्यानं दशकं धर्म साधनम् ॥
अर्थात :-अहिंसा, क्षमा, सत्य, लज्जा, श्रद्धा, इंद्रियसंयम, दान, यज्ञ, तप और ध्यान – ये दस धर्म के साधन है । ये शिक्षा केवल और केवल सनातन धर्म की हि उपज हो सकती है और है। अन्य मजहब जो विदेशों से भारत में आये उनमें उपर्युक्त तथ्य ढूढ़ने से भी नहीं मिलते।

सत्येनोत्पद्यते धर्मो दयादानेन वर्धते ।
क्षमायां स्थाप्यते धर्मो क्रोधलोभा द्विनश्यति ॥
धर्मो मातेव पुष्णानि धर्मः पाति पितेव च ।
धर्मः सखेव प्रीणाति धर्मः स्निह्यति बन्धुवत् ॥
अर्थात:- धर्म सत्य से उत्पन्न होता है, दया और दान से बढता है, क्षमा से स्थिर होता है, और क्रोध एवं लोभ से नष्ट होता है। धर्म माता की तरह हमें पुष्ट करता है, पिता की तरह हमारा रक्षण करता है, मित्र की तरह खुशी देता है, और सम्बन्धियों की भाँति स्नेह देता है। उपर्युक्त शिक्षा प्रदान करने वाला केवल सनातन धर्म हि हो सकता है।

बुजुर्गों का पैर छूकर आशीर्वाद लेने वाला सनातनी होता है, बहन, बेटी या बहु किसकी भी हो उसको अभय प्रदान करने वाला सनातनी हि होता है। १०० बार भूल सुधराने का अवसर देने वाला सनातनी होता है। युद्ध के अंतिम क्षणों में भी शांति का प्रस्ताव देने वाला सनातनी होता है। स्वयं के शरीर का त्याग के अपने हड्डियों से “बज्र” का निर्माण कराने वाला सनातनी होता है। अपने बड़े भाई के प्रेम में अयोध्या जैसी नगरी का सिंहासन ठुकरा कर वनवासी जीवन जिने वाला और अपने बड़े भाई के खड़ाऊ को सिंहासन पर रखकर राज करने वाला सनातनी हि होता है। करण, दुर्योधन, जयद्रथ, दुशाशन, द्रोण, कृपाचार्य इत्यादि जैसे वीरों से चक्रव्यूह के अंदर अकेले लड़ने वाला सनातनी हि होता है।

छोटों को हाथ जोड़कर नमस्ते और बड़ो को प्रणाम करने वाला सनातनी हि होता है। किसी भी जीव के दुःख को देख दुःखी होने वाला और उस दुःख का समाधान ढूढ़ने वाला सनातनी हि होता है।नदिया, समुद्र, पेड़, पर्वत, ग्रह, नक्षत्र, पशु, पक्षी और किट पतंगो को भी पूजने वाला सनातनी हि होता है।

वेद सनातन ने हि दिये। उपनिषद और पुराण सनातन ने हि दिये। विज्ञान(रसायन, भौतिक, जीव, वनस्पति, वास्तुकला, अभियांत्रिकी, चिकित्सा, सर्जरी, खगोलिय व अनुवंशिकी इत्यादि) सनातन की हि देन है। अंकगणित, बिजगणित और ज्यमितीय सनातन की हि देन है। समाजिक और गृह विज्ञान सनातन की हि देन है। योग, वायुयान, न्याय, परमाणु, सांख्य, वेदांत, मीमांसा इत्यादि दर्शन शास्त्रों का अस्तित्व सनातन की हि देन है। शून्य, दशमलव, Binary system और गति और गुरत्वाकर्षण के सिद्धांत सब सनातन की हि देन है।

आक्रमणकारी हुणो को मात देने वाली तलवार सनातनी हि थी। रोम के शाशक जुलियस सीजर को बंदी बनाकर उज्जैन के गलियों में घूमाने वाली तलवार सनातनी हि थी। सम्पूर्ण विश्व पर एक क्षत्र राज करने वाला सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य सनातनी हि थे। गोरी को १६ बार जीवनदान देने वाली तलवार सनातनी थी, सिकंदर को युद्ध में पराजित करके बंदी बना लेने वाली तलवार सनातनी हि थी।

चालुक्य, चोल, राष्ट्रकूट, सातवाहन, कुशाढ वंश, चौहान, परमार, सिसोदिया,

महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह, छत्रसाल, हेमदित्य विक्रमादित्य “हेमू”, सुरजमल, पेशवा बाजीराव, अहोम साम्राज्य तथा ललितादित्य मुक्तपिड, हरी सिंह नलवा, महाराजा रणजीत सिंह व बप्पा रावल इत्यादि सनातनी हि थे जिन्होंने विश्व पटल पर अपनी धाक और छाप छोड़ कर इतिहास को अमर कर दिया।

मेरठ की छावनी में अपने बंदूक की एक गोली से स्वतन्त्रता का विगुल बजाने वाला सनातनी हि होता है। अपने नौनिहाल को अपने पीठ से बांधकर रणक्षेत्र में दुश्मनों का संहार करने वाली शक्ति सनातनी हि होती है। देश के आजादी के लिए दो काले पानी की सजा पाने वाला सनातनी हि होता है। अपने अदम्य साहस, दृढ इच्छा शक्ति और प्रबल राष्ट्रवाद से आज़ाद हिंद फ़ौज और आज़ाद हिंद सरकार का गठन करने वाला सनातनी ही होता है।

वो तात्या टोपे, वो बिस्मिल, वो आज़ाद, वो भगत, वो लाल, बाल और पाल, वो सरदार उधम सिंह, वो भगवान बिरसा मुंडा, वो टाट्या भील, वो चाफेकर बंधु, वो आज़ाद हिंद फौज के जवान, बटुकेश्वर दत्त, सुखदेव, राजगुरु, वो लाहीड़ी, वो मालवीय, वो गणेश शंकर विद्यार्थी, वो दुर्गा भाभी, वो निरा आर्या और कितने बलिदानियों का नाम गिनाऊ ये सब सनातनी हि थे।

५८३ रियासतों को ” भारत” में कुशलतापूर्वक “अधिमिलन” कराने वाला सनातनी हि होता है। देश में एक निशान और एक विधान के लिए अपने प्राणो को न्यौक्षावर करने वाला सनातनी हि होता है। “जय जवान जय किसान” के नारे से सम्पूर्ण देश को राष्टवाद के धागे में पिरोने वाला सनातनी हि होता है। सारे विश्व की शक्तियों से टकराकर भारत को परमाणु शक्ति बनाने वाला सनातनी हि होता है।

चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला चंद्रयान भी तो सनातनी हि है, जंहा उतरा वो बिंदु “शिव_शक्ति” भी तो सनातनी है। सुरज की आँखों में झाँकने वाला आदित्य भी तो सनातनी है है।
कोरोना काल में विश्व के सभी देशों की सहायता करने वाला भी तो सनातन धर्म हि था।

और तो और मित्रों वर्ष २०१४ से सम्पूर्ण विश्व को अपनी शर्तो पर नचाने वाला भी तो सनातनी हि है। ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भी तो सनातनी हि है।

ये तो केवल नाममात्र के उदाहरण हैँ, सनातन की महिमा सनातन की हि भांति शाश्वत है, जिसका ना तो आदि है और ना अंत।

अत: हे मानसिक रूप से विकास ना कर पाने वाले मनुष्य रूपी झींगुर सर्वप्रथम सनातन को समझो फिर टिका टिप्पणी करो।
जय सनातन
जय हिंद

लेखक:- नागेंद्र प्रताप सिंह (अधिवक्ता)
[email protected]

Source

Copy
अरे धीरे बोलो वरना वो सुन लेगा News To Nation
कनाडा का बवाल- जस्टिन ट्रूडो! News To Nation
जिहाद, आतंकवाद और भिखारी अर्थात पाकिस्तान News To Nation
सावधान भारत: इजराइल पर दैत्यों का आक्रमण News To Nation
न्यूज़क्लिक और आतंकी गतिविधियां News To Nation
Share This Article
Facebook Email Print
Previous Article ‘जननायक’ राहुल गाँधी बने ‘कुली’, फिर भी 30 नंबर से चूक गए News To Nation
Next Article भारत: विश्वगुरु से विश्व नेतृत्व की यात्रा News To Nation
Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News To Nation

Latest Stories

अभी अभी: शौक में डूबा देश, वरिष्ठ भाजपा नेता का निधन
भारत
LPG Gas Cylinder Price Update: अब एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत कितनी होगी? जानें पूरी जानकारी…
भारत
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बंद रहेंगे बैंक? जाने कहा-कहा छुट्टी
राजनीति
लॉन्च किया Mother Dairy ने नया दूध, जाने क्या है कीमत और कब शुरू होगी बिक्री…
बिजनेस
पर्सनल लोन लेने वालों के लिए आई बड़ी खबर, RBI ने जारी किया नया नियम
बिजनेस
इस बजट में मिलेगा EV को फायदा, इन चीजों पर होगा फोकस
बिजनेस
आज सस्ता हुआ सोना-चांदी? जाने क्या हो गया अब भाव
बिजनेस
IND VS AFG तीसरा T20 हुआ बड़ा दिलचस्प, सुपर ओवर से निकला रिजल्ट….
विविध

You Might Also Like

भारत: विश्वगुरु से विश्व नेतृत्व की यात्रा News To Nation

By NTN Staff
Editor's desk

जब बातचीत और आतंकवाद साथ साथ नहीं तो फिर क्रिकेट और आतंकवाद साथ साथ कैसे? News To Nation

By NTN Staff
Editor's desk

सनातन धर्म के अध्यात्म से उत्पन्न “विज्ञान” News To Nation

By NTN Staff
Editor's desk

हमारा चाँद और हमारा चंद्रयान भाग-२!: प्रकाश राज और न्यूयार्क टाइम्स का मुंह काला News To Nation

By NTN Staff
Editor's desk
NewstoNation.com is a leading digital news media platform, established in 2016, dedicated to delivering credible, fast, and people-centric journalism in the digital era. From breaking news and current affairs to automobile, technology, entertainment, and lifestyle, we bring stories that inform, inspire, and influence.
NewstoNation.com is a leading digital news media platform, established in 2016, dedicated to delivering credible, fast, and people-centric journalism in the digital era. From breaking news and current affairs to automobile, technology, entertainment, and lifestyle, we bring stories that inform, inspire, and influence.

contact@newstonation.com

Policies

  • हमारे बारे में
  • सारी हिन्दी ख़बरें
  • संपर्क करें
  • गोपनीयता नीति
Follow US
© Saffron Sleuth Media .All Rights Reserved.
  • हमारे बारे में
  • सारी हिन्दी ख़बरें
  • संपर्क करें
  • गोपनीयता नीति
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?