जी हाँ मित्रों भीख में मिले जमीन के टुकड़े और ७५ करोड़ रुपये से अपने जीवन की शुरुआत करने वाला पाकिस्तान, सुवर खाने वाले और दारुबाज मोहम्मद अली जिन्ना के महत्वकांक्षा के भेंट चढ़ता हुआ पूर्णतया नापाक हो गया।
भारत अर्थात हिंदुस्तान और सनातन धर्मियों के प्रति नापाक नफरत ने इन पाकिस्तानियों को इस कदर अंधा कर दिया की गजवा ए हिंद के चक्कर में इन्होंने अपने सम्पूर्ण देश को हि जिहादियों और आतंकवादियों का सैरगाह बना दिया।पैदा होने के कुवह हि दिनों के अंदर इन्होंने अपने दुर्दान्त दैत्यों अर्थात कबायालियों को कश्मीर पर आक्रमण करने भेज दिया हथियार देकर! उन दैत्यों को दो हि लक्ष्य दिये गये, पहला कश्मीर को जितना और दूसरा वंहा की महिलाओं और बच्चियों के साथ किसी हिंसक और अतिक्रूर ओशु की भांति बलात्कार करना और उन्हें अगवा कर पाकिस्तान ले जाना।रक्तपीपासु और सुवरखोर मोहम्मद अली जिन्ना ने अपने खसम खास नेहरू के साथ मिलकर कश्मीर का बटवारा कर लिया और कश्मीर का गिलगित और बल्टिस्तान वाला हिस्सा जिसे हम पोक कहते हैँ, इन नापाक लोगों के हाथों में चला गया।
खैर आइये जिहाद, आतंकवाद और भीख मांगने का हुनर रखने वाले पाकिस्तानियों के चरित्र का विश्लेषण करते हैँ।जिहाद:- मित्रों काफिरों खासकर सनातन धर्मियों के प्रति जिहाद अर्थात उनका सम्पूर्ण नाश करने की शिक्षा इन नापाकियों को इनके माँ के गर्भ से हि मिलना शुरु हो जाती है, फिर ये एक जिहादी बनकर पैदा होते हैँ। कुछ ४ या ५ वर्ष के होते हैँ, तो इनके “जननांग” अर्थात “फुन्नी” के अगले भाग की चमड़ी काटकर “खतना” किया जाता है और कटटरता का दूसरा चरड़ पूरा होता है। इसके पश्चात मदरसों की बारी आती है।मदरसों को उच्चकोटी के जिहादी चलाते हैँ जो बकरी को काटने से पूर्व उसके साथ बिस्तर पर कुछ आनंद के क्षण बिताना पसंद करते हैँ।
ये जिहादी इन बच्चों के मन में केवल और केवल नफ़रत के बिज बोते हैँ और ये विश्वाश करा देते हैँ कि मदरसे निकलने के पश्चात उन्हें केवल और केवल जिहाद करना है और काफ़िरों का अंत करना है।ये बुजदिल और बेशर्म अपने बच्चों के समक्ष लुटेरे और बलात्कारीयो जैसे गोरी, गजनवी, अब्दाली, खिलजी, मुगल, तुगलक, मोहम्मद बिन कासिम इत्यादि को अपना नायक अर्थात “हीरो” बनाकर पेश करते हैँ और इनके बच्चे भी बचपन से हि ऐसे चोर, डकैतो लुटेरों और बलात्कारियों को अपना आदर्श मानकर जिहाद करने के लिए तैयार होने लगते हैँ।
सेना और ISI: – मित्रों पाकिस्तानी सेना और उसकी महा धूर्त ख़ुफ़िया एजेंसी ISI मिलकर इन मदरसों से जिहाद की शिक्षा लेकर निकलने वाले युवाओं को “जिहाद” करने हेतु हथियारों को चलाने, बम बनाने और मानव बम बनकर भिड़ में घुसकर स्वयं को उड़ा लेने की प्रशिक्षण देने का कार्यभार सम्हाल लेते हैँ। नापाक पाकिस्तान का खजाना पानी की तरह बहाया जाता है।मित्रों इनमें कटटरता किस कदर भर दी जाती है, इसके लिए ये दो उदाहरण हि काफी होंगे समझने और समझाने के लिए।
१:- अब्दुल सलाम नाम के एक वैज्ञानिक हुए थे, जिन्हें विज्ञान के क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा पुरस्कार अर्थात “नोबेल पुरस्कार” दिया गया था। “नोबेल पुरस्कार” जीतकर उन्होंने पाकिस्तान का नाम पूरे विश्व में रोशन किया था। इन पर पाकिस्तानियो को फक्र होना चाहिए था, परन्तु इन कट्टर जिहादियों की भिड़ ने “अब्दुल सलाम” को केवल इसलिए दुत्कार कर अंधेरे में खोने को विवश कर दिया कि “वो अहमदिया मुस्लिम” थे और ये जाहिल अहमदिया फिरके को मुसलमान नहीं मानते हैँ और उनसे नफ़रत करते हैँ।
२:- अभी कुछ समय पूर्व हि की घटना है, जिसमें पाकिस्तान के एक विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा के सपने में दिखाई दिया की उसकी किसी अध्यापिका ने “ईश निंदा” की है और उसने यह बात अन्य अध्यापिकाओं को बता दी, बस फिर क्या था, उन अध्यापिकाओं ने मिलकर छात्रा के सपने में ईश निंदा करने वाली अध्यापिका को बेरहमी से कत्ल कर डाला। आप सोच सकते हैँ, इनकी जाहिलियत और हैवानियत के स्तर के बारे मे।
आतंकवाद:- मित्रों ऐसा नहीं है की केवल सेना और ISI हि हथियार चलाने और बम बनाने में माहिर जिहादी तैयार करती है, अपितु पाकिस्तान के कुछ भयानक मौलाना और मौलवी जैसे मौलाना मसूद अजहर, मोहम्मद हाफिज सईद, मोहम्मद सलाहुद्दीन इत्यादि भी प्रशिक्षित जिहादी तैयार करते हैँ। इन खुनी भेड़ियों को करोड़ो का चंदा अर्थात अनुदान पाकिस्तानी सरकार द्वारा, सेना द्वारा और ख़ुफ़िया एजेंसी ISI द्वारा दिया जाता है, यही नहीं विश्व के कई बड़े देश इनको पालते पोसते हैँ अपने दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए। और यही नापाक पाकिस्तान में प्रशिक्षित किये गये जिहादी, जब भारत सहित विश्व के कई देशों में मासूम लोगों का बड़े पैमाने पर नर्संहार करते हैँ और आतंक फैलाते हैँ तो आतंकवादी की श्रेणी में आ जाते हैँ।
आतंकवाद उद्योग:-पाकिस्तान में जिहादियों को प्रशिक्षित कर आतंकवादी बनाकर उन्हें जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने के लिए निर्यात करना एक प्रमुख उद्योग के रूप में स्थापित किया जा चुका है। उदाहरण के लिए अफगानिस्तान से सोवियत संघ के कब्जे को हटाने के लिए आमेरिका ने पाकिस्तान की सहायता से मजाहिदिनों की एक फ़ौज खड़ी की जिसमें अफगानिस्तान और पाकिस्तान के खैबर पखतूनखा के जिहादी सम्मिलित थे और इसके लिए पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से करोड़ो डालर आर्थिक रूप में और अत्याधुनिक हथियारों की अनगिनत खेप मुहैया करायी गयी। यही मुजाहिदिनी आगे चलकर “तालिबान” के रुप में दुनिया के सामने आये। आमेरिका के पैसों और हथियारों के बल पर हि ओसामा बिन लादेन और उसका आतंकवादी संगठन “अल कायदा” परवान चढ़ा। इसी ओसामा बिन लादेन ने अमेरिका के घमंड को चकनाचूर करते हुए उसके सम्मान के प्रतिक ट्विन टॉवर्स को धूल में मिला दिया और मात्र ५ मिनट के अंदर लगभग ३००० अमेरिकियों को मार डाला और उसके पश्चात अमेरिका को समझ में आया कि “आतंकवादियों” को पालकर उसने कितनी बड़ी भूल की।
खैर आतंकवादियों को पैदा करना और उनका निर्यात करना पाकिस्तान का प्रमुख उद्योग बना रहा, जिसने पाकिस्तान को अंदर हि अंदर खोखला करना शुरु कर दिया।भारत से चार युद्ध:-मित्रों ये जिहादी पाकिस्तानी भारत से अपने नफ़रत के कारण चार युद्ध लड़ चुके हैँ। वर्ष १९७१ ई के युद्ध में तो इन नापाकियों के दो टुकड़े हो गये जिसमें पूर्वी पाकिस्तान बंगलादेश के रूप में समस्त विश्व के समक्ष अस्तित्व में आया। इसी युद्ध में इन बेशर्मों की सेना के ९१ हजार सैनिको ने भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण करने का विश्व रिकार्ड बनाया, पर ये बेहया लोग अपने बच्चों को इसकी सच्चाई नहीं बताते। ये अपने बच्चों को नहीं बताते की किस प्रकार वर्ष स्व लाल बहादुर शास्त्री जी ने लहौर तक को कब्जा लिया था और ये लोग अमेरिका के समक्ष गिड़गिड़ा रहे थे कि “हे मालिक युद्ध विराम” करवा दो।
ये कारगिल युद्ध में अपनी सेना के पराजय का इतिहास नहीं बताते।मित्रों एक ओर भारत स्व लाल बहादुर शास्त्री, स्व अटलबिहारी वाजपेयी और स्व नरसिम्हाराव के शाशनकाल में नित नई उचाईयों को छूता रहा, वही पाकिस्तान आतंकवाद, जमहूरियत, सेना और ISI के आपसी जाल में उलझा रहा और गर्त में लगातार गिरता रहा।फिर आया वर्ष २०१४ जब भारत की जनता ने समय के नाड़ी को पकड़ते हुए गुजरात के चमकते सितारे को पूरे हिंदुस्तान का सूरज बना दिया और फिर उसने अपने प्रकाश से सम्पूर्ण विश्व में उजाला फैला दिया।
उस सूरज के प्रकाश से भारत ने लम्बी कूद लगाते हुए विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। उसकी वैक्सीन पलिसी और राशन पलिसी ने विश गुरु के रूप में स्थापित कर दिया। वही पाकिस्तान अपने कुकर्मो और अति गंदी नियत के कारण भिखारियों के स्तर से भी निचे गिरते चला गया।भिखारिस्तान:- पाकिस्तान अपने नियत और नीतियों से भिखारी बनता चला गया। FATF के ग्रे लिस्ट में डाले जाने के कारण इसकी अर्थव्यवस्था और चौपट हो गयी। पाकिस्तान को शर्म से चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाने की नौबत तब आ गयी जब बंगलादेश से उसने सहायता की मांग कर डाली।
आज पाकिस्तान का प्रधानमंत्री, सेना प्रमुख और ISI का प्रमुख, छोटे से छोटे देश और बड़े से बड़े देशो में कटोरा लेकर घूम रहे हैँ पर कोई भी इनकी बदनीयती के कारण इन्हें घास नहीं डालना चाहता।सऊदी अरब ने घोषित कर दिया कि उनके देश में ९०% भिखारी पाकिस्तानी हैँ। यही नहीं इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर को तो इन पाकिस्तानियो ने दिवालिया बना दिया है, उनका कहना है की ये १५ से २०% जाहिल पाकिस्तानी कामचोर हैँ कोई भी कार्य नहीं करते। आज पाकिस्तान में गंजे टकले जुल्फीकर अली भुट्टो की बात सच हो गयी “पाकिस्तान ने “परमाणु बम” तो बना लिया पर घास की रोटी खाने की नौबत आ गयी। पाकिस्तान में एक बोरी आटे के लिए लोग एक दूसरे का गला दबाने को दौड़ रहे हैँ। दीवानों की तरह आटे वाले ट्रक के पीछे मिलो दौड़ रहे हैँ।
इतना सब होने के पश्चात भी पाकिस्तान की सरकार अपने देश के बजट का एक बड़ा हिस्सा सेना, जिहादियों और ISI पर खर्च करती है, जबकी ये तीनो अक्सर हि पाकिस्तान की जम्हूरियत से बलात्कार करते रहते हैँ।जैसी करनी वैसी भरनी:-मित्रों पाकिस्तान ने “तालिबान” लड़ाको को तैयार किया था, ताकी उनके बल पर वो अफगानिस्तान पर कब्जा कर सके, इनका षड्यंत्र तो कामयाब रहा पर “तालिबानों” इन पाकिस्तानियों को पैर की जूती समझकर दुत्कार दिया। वो “तालिबान” भारत से मित्रता कर अपने देश को विकास के मार्ग पर ले जाना चाहता है और उसी दिशा में अग्रसर है।
इधर तालिबान की एक दूसरी शाखा “तहरीके तालिबान पाकिस्तान” (TTP0 पाकिस्तान को अपने कब्जे में लेकर वंहा पर शरिया का राज लाना चाहती है और इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान की सेना के ऊपर ताबड़तोड़ हमले शुरु कर दिये हैँ।बलोचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (BLA) अपने देश को नापाक पाकिस्तानियो से आज़ाद कराने के लिए अपने संघर्ष को तीव्रता प्रदान कर चुकी है, उनके हमले भी लगातार जारी हैँ।आज पाकिस्तान में पाकिस्तान की सेना हि सुरक्षित नहीं है तो आम आवाम कंहा से सुरक्षित होंगी। जिहाद, आतंकवाद और अब भिखारियों को निर्यात करने वाला पाकिस्तान सम्पूर्ण विश्व के लिए खतरा बन चुका है।
नापाक पाकिस्तान का परमाणु बम यदि उसके पाले पोसे आतंकवादियों के हाथों लग गया तो विनाश निश्चित है अत: पाकिस्तान का बिखर जाना हि विश्व के लिए सार्थक होगा।भारत में अपने जन्म से हि आतंकवादी हमलों (१९९३ का बम्बई बम कांड, ट्रेनों में विस्फोट, संसद पर हमला, २६/११ कसाब वाला हमला, पुलवामा का हमला, उरी का हमला इत्यादि) के जरिये भारत की धरती को खून से लाल करने वाला पाकिस्तान आज अपने ही तैयार किये गये जिहादी आतंकवाद का निवाला बन रहा है और यह सब कुछ और नहीं भारत से नफ़रत का परिणाम ही है।
पाकिस्तान अब दुनिया के लिए बोझ बन चुका है। पाकिस्तान में अब बेगैरती, भुखमरी, जिहाद, आतंकवाद और भिखारियों के आलावा कुछ नहीं है। ये दुनिया को कल भी चपाती मानते थे आज भी मानते हैँ और क़यामत तक मानते रहेंगे। इसीलिए हमारे विद्वानों ने कहा था।”जैसा कर्म वैसा फलआज नहीं तो निश्चय कल।