आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को विजयवाड़ा की एक अदालत ने 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया। उन्हें आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (APSSDC) में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में 9 दिसंबर, 2021 को आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में 371 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें नायडू समेत 25 लोगों के नाम थे। इस मामले में नायडू को आरोपित नंबर-1 बनाया गया था।
निजी कंपनी को अनुचित लाभ दिलाने के आरोप
भ्रष्टाचार के इस मामले में उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उन्हें विजयवाड़ा की अदालत में पेश किया गया था। नायडू को गिरफ्तार करने के लिए सीआईडी की स्पेशल टीम ने बीड़ा उठाया था और कई कार्यकर्ताओं के सामने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अपनी गिरफ्तारी के समय नायडू ने पूछा भी था कि उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
इस मामले में सीआईडी ने आरोप लगाया है कि नायडू ने आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में रिश्वत के बदले में एक निजी कंपनी को अनुचित लाभ दिलाया। कंपनी को कौशल विकास योजनाओं के लिए काम करने का ठेका मिला था। हालांकि नायडू ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें राजनीतिक बदले का शिकार बनाया जा रहा है।
तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं नायडू
चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर मानी जा रही है। नायडू तीन बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वह एक प्रमुख राजनीतिक नेता हैं। उनकी गिरफ्तारी से आंध्र प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा हो गई है।
गौरतलब है कि जब आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार थी तो युवाओं के कौशल का विकास करने के लिए एक योजना शुरू की गई थी। इस योजना पर कुल 3300 करोड़ रुपए खर्च होने थे। इसमें राज्य सरकार के बजट के अलावे प्राइवेट कंपनी सीमेंस भी शामिल थी। आरोप है कि घोटाला राज्य सरकार के बजट में किया गया। पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी कंपनियों को पैसे ट्रांसफर किए और दस्तावेज भी नष्ट कर दिए।