मौजूदा समय में बिना फास्टैग के गाड़ी चलाना बहुत मुश्किल है। ज्यादातर सड़कों पर टोल चुकाने के लिए फास्टैग जरूरी है. ऐसे में अगर आपके वाहन पर फास्टैग है तो 31 जनवरी तक उसकी केवाईसी करा लें। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सोमवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली की दक्षता बढ़ाने के अपने कदम के तहत, बिना केवाईसी वाले फास्टैग को 31 जनवरी के बाद बैंकों द्वारा निष्क्रिय या ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो आप फास्टैग से टोल का भुगतान नहीं कर पाएंगे. वहीं, बिना फास्टैग के आपको टोल पर दोगुना टैक्स देना पड़ सकता है।
RBI की रिपोर्ट के बाद एक्शन में NHAI
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आदेश का उल्लंघन कर एक विशेष वाहन के लिए कई फास्टैग जारी किए जाने और बिना केवाईसी के फास्टैग जारी किए जाने की हालिया रिपोर्ट के बाद एनएचएआई ने यह पहल की है। एनएचएआई का निर्देश ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ के तहत जारी किया गया है. इसका उद्देश्य कई वाहनों के लिए एक ही FASTag का उपयोग करने या किसी विशेष वाहन के साथ कई FASTags को जोड़ने के उपयोगकर्ता के व्यवहार को हतोत्साहित करना है।
परेशानियों से बचने के लिए केवाईसी करा लें
असुविधा से बचने के लिए, उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके नवीनतम फास्टैग का केवाईसी पूरा हो गया है। एनएचएआई के बयान में कहा गया है कि केवल नवीनतम फास्टैग खाता ही सक्रिय रहेगा। आगे की सहायता या प्रश्नों के लिए, फास्टैग उपयोगकर्ता निकटतम टोल प्लाजा या अपने संबंधित जारीकर्ता बैंकों के टोल-फ्री ग्राहक सेवा नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। बयान में यह भी बताया गया कि FASTag को कभी-कभी जानबूझकर वाहन की विंडस्क्रीन पर नहीं लगाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी और असुविधा होती है।
‘एक वाहन, एक फास्टैग’ का करना होगा पालन
बयान के मुताबिक, किसी भी असुविधा से बचने के लिए उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके नवीनतम फास्टैग का केवाईसी पूरा हो। इसके साथ ही यूजर्स को ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ का भी पालन करना होगा और अपने बैंकों के माध्यम से पहले जारी किए गए सभी फास्टैग को हटाना होगा। एनएचएआई ने कहा, “केवल नवीनतम फास्टैग खाता सक्रिय रहेगा क्योंकि पिछले फास्टैग 31 जनवरी, 2024 के बाद निष्क्रिय या प्रतिबंधित कर दिए जाएंगे।”
8 करोड़ ड्राइवर फास्टैग का इस्तेमाल करते हैं
देशभर में आठ करोड़ से ज्यादा ड्राइवर फास्टैग का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कुल वाहनों का करीब 98 फीसदी है. इस प्रणाली ने देश में इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली की गति को काफी तेज कर दिया है। एक वाहन के लिए कई फास्टैग जारी किए जाने और आरबीआई के आदेश का उल्लंघन कर बिना केवाईसी के फास्टैग जारी किए जाने की हालिया रिपोर्ट के बाद एनएचएआई ने यह कदम उठाया है।