युवा काॅन्ग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास BV के खिलाफ FIR रद्द करने से हाई कोर्ट का इनकार, असम की महिला नेत्री ने खोली थी लैंगिक भेदभाव की पोल

यूथ कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी (Srinivas BV) को राहत देने से गुवाहाटी हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया है। उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की माँग की थी। जस्टिस अजीत बोरठाकुर बुधवार (26 अप्रैल 2023) को सुनवाई करते हुए कहा कि पीड़िता के बयान और केस डायरी का अवलोकन किए बिना राहत देना उचित नहीं होगा। असम युवा काॅन्ग्रेस की अध्यक्ष रहीं डॉ. अंगकिता दत्ता (Angkita Dutta) ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। दुर्व्यवहार और खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया था।

अंगकिता दत्ता ने लिंग के आधार पर भेदभाव, उत्पीड़न और प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने 19 अप्रैल को गुवाहाटी के दिसपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत पर कॉन्ग्रेस नेता श्रीनिवास के खिलाफ आईपीसी की धारा 509/294/341/352/354/354 ए (iv)/506 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

श्रीनिवास ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट से अपील की थी कि असम पुलिस को उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने या कार्रवाई से रोका जाए। इस पर हाई कोर्ट के जस्टिस अजीत बोरठाकुर ने कहा कि वे पहले केस डायरी देखेंगे और उसके बाद ही इस पर कोई निर्णय लेंगे। कोर्ट ने असम पुलिस को 2 मई 2023 तक केस डायरी जमा कराने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि अंगकिता ने यूथ काॅन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास (Srinivas BV) और  यूथ कॉन्ग्रेस के सेक्रेटरी इंचार्ज वर्धन यादव पर लैंगिक भेदभाव तथा बदजुबानी का आरोप लगाया था। कहा था कि राहुल गाँधी ने भी उनकी शिकायतों पर गौर नहीं किया और प्रताड़ना का सिलसिला चलता रहा। उन्होंने कहा था, “श्रीनिवास पिछले छह महीनों से उन्हें परेशान और प्रताड़ित कर रहे हैं। लैंगिक टिप्पणी करते हैं। अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से इसकी शिकायत करने पर उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं।”

अंगकिता दत्ता की मानें तो करीब छह महीने से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गाँधी को भी इसकी जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका आरोप है कि स्त्री होने के कारण उनके साथ भेदभाव हुआ। इन आरोपों के बाद असम काॅन्ग्रेस ने पहले अंगकिता को कारण बताओ नोटिस जारी किया, फिर उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। वहीं श्रीनिवास को कर्नाटक के लिए जो स्टार प्रचारकों की सूची जारी की उसमें जगह दी।

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