प्रियंका गाँधी की रैली के बाद कॉन्ग्रेस को डबल झटका, BJP में ज्योति मिर्धा और सवाई सिंह चौधरी: कहा- गहलोत राज में राजस्थान की स्थिति दयनीय

NTN Staff
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राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले कॉन्ग्रेस को बड़ा झटका लगा है। जाट नेता और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा बीजेपी में शामिल हो गईं हैं। कॉन्ग्रेस के एक अन्य नेता रिटायर्ड IPS सवाई सिंह चौधरी ने भी बीजेपी की सदस्यता ली है।

दोनों नेताओं ने 11 सितंबर 2023 को राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली। कॉन्ग्रेस को राज्य में यह डबल झटका प्रियंका गाँधी की रैली के ठीक एक दिन बाद लगा है। उन्होंने 10 सितंबर को ही राजस्थान के टोंक में एक सभा को संबोधित किया था।

ज्योति मिर्धा राजस्थान के दिग्गज जाट नेता नाथूराम मिर्धा की पोती हैं। नाथूराम भी नागौर से सांसद रहे हैं। कुल मिलाकर वह 6 बार सांसद और 4 बार विधायक रहे। मिर्धा परिवार का दशकों से जाटों में बड़ा प्रभाव रहा है। ज्योति राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र से आती हैं। इस क्षेत्र में नागोर के अलावा बाड़मेर, जोधपुर, पाली और जालोर जिले की सीटों पर भी मिर्धा परिवार का प्रभाव रहा है।

ज्योति मिर्धा साल 2009 में कॉन्ग्रेस के टिकट से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनी थीं। हालाँकि 2014 और 2019 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2019 में उन्हें रालोपा अध्यक्ष और एनडीए प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल से हार मिली थी। लेकिन अब रालोपा और भाजपा का गठबंधन टूट चुका है। ऐसे में भाजपा किसी मजबूत प्रत्याशी की तलाश में थी।

ज्योति मिर्धा के भाजपा में आने से पार्टी की तलाश पूरी हो गई है। एक ओर जहाँ भाजपा ज्योति को विधानसभा में जाट नेता के रूप में उपयोग कर जाट वोट बैंक साध सकती है। वहीं कॉन्ग्रेस के खिलाफ विधानसभा में उतारकर भी अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है। ज्योति का भाजपा में आना हनुमान बेनीवाल के लिए भी चिंता का कारण हो सकता है। यदि बेनीवाल बिना गठबंधन अकेले चुनाव लड़ते हैं तो उनके लिए राह आसान नहीं होगी।

मिर्धा परिवार के अन्य नेता भी हो सकते हैं भाजपा में शामिल

ज्योति मिर्धा के भाजपा का दामन थामने के बाद अब मिर्धा परिवार के अन्य नेताओं के भी बीजेपी में आने के कयास लगाए जा रहे हैं। इसमें बड़ा नाम ज्योति के चचेरे भाई डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा का है। भाजपा ज्वाइन करने के बाद ज्योति मिर्धा ने कहा कि कॉन्ग्रेस में कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है। गहलोत सरकार में राजस्थान की हालत दयनीय हो गई। इसलिए पीएम मोदी के मजबूत नेतृत्व के चलते उन्होंने भाजपा में आने का फैसला किया।

रिटायर्ड IPS ने भी छोड़ा ‘हाथ’ का साथ

राजस्थान के पूर्व डीआइजी और रिटायर्ड IPS सवाई सिंह चौधरी ने भी ज्योति मिर्धा के साथ बीजेपी की सदस्यता ली है। उन्होंने साल 2018 में राजस्थान की खींवसर विधानसभा से कॉन्ग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालाँकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।



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