मुंबई पुलिस ने महादेव बेटिंग ऐप मामले में 15,000 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर के अनुसार, महादेव बेटिंग ऐप एक अवैध जुआ ऐप था। यह ऐप 2019 में लॉन्च किया गया था और इसके माध्यम से यूजर क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस और अन्य खेलों में सट्टा लगाते थे।
इस मामले में भाजपा ने एक आरोपित शुभम सोनी का वीडियो जारी किया था। उसमें सोनी ने कहा था कि बताया था कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए 508 करोड़ रुपए दिए गए थे। माटुंगा पुलिस के अनुसार, ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, मुख्य आरोपी रवि उप्पल, शुभम सोनी और अन्य लोगों के खिलाफ मंगलवार (7 नवंबर 2023 ) को पहली FIR दर्ज की गई।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 30वीं कुर्ला अदालत के निर्देश पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120-बी (साजिश), आईटी अधिनियम (साइबर आतंकवाद के लिए) और जुआ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर के मुताबिक, आरोपितों ने साल 2019 से अब तक लोगों से करीब 15,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले सप्ताह कहा था कि फॉरेंसिक विश्लेषण और एक ‘कैश कूरियर’ द्वारा दिए गए बयान से चौंकाने खुलासे हुए हैं। यह बात सामने आई है कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। ईडी ने कहा था कि इस बात की जाँच की जाएगी।
#BREAKING | Multi-crore Mahadev betting app scam explodes: Fraud of Rs 15,000 crore under lens, 32 booked
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— Republic (@republic) November 8, 2023
भाजपा द्वारा जारी वीडियो में शुभम सोनी कहा था कि वह ऐप का मालिक है और उसके पास छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपए का भुगतान करने के सबूत हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय की अपील पर 5 नवंबर 2023 को महादेव ऐप और रेड्डीअन्नाप्रिस्टोप्रो जैसे अवैध सट्टेबाजी से जुड़े 22 ऐप्स को ब्लॉक करने के आदेश दिए थे।
बता दें कि 22 अवैध सट्टेबाजी प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय द्वारा एक अवैध सट्टेबाजी ऐप सिंडिकेट के खिलाफ की गई जाँच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप के संबंध में की गई लगातार छापेमारी के बाद की गई है।
मनी लॉन्ड्रिंग क्या है?
मनी लॉन्ड्रिंग एक ऐसा तरीका है जिससे अवैध धन को वैध दिखाया जाता है। मनी लॉन्ड्रिंग के कई तरीके हैं, जिनमें निवेश करना, व्यवसाय खरीदना, संपत्ति खरीदना और रिश्वत देना शामिल हैं। भारत में मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के लिए कई कानून हैं। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम 2002 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 शामिल हैं।