आनंद मोहन 27 अप्रैल 2023 की सुबह सहरसा जेल से रिहा कर दिए गए। लेकिन उनकी रिहाई के लिए नियमों में बदलाव को लेकर उपजा विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है। एक ओर आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की विधवा उमा देवी ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप से गुहार लगाई है। वहीं दूसरी ओर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कृष्णैया को ही अपनी हत्या के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया है।
नेटवर्क 18 से बातचीत करते हुए शिवांनद तिवारी ने कहा है कि जिस दिन जी कृष्णैया की हत्या हुई, उस दिन मुजफ्फरपुर का माहौल खराब था। ऐसे में जी कृष्णैया को मुजफ्फरपुर के रास्ते गोपालगंज नहीं जाना चाहिए था। उन्हें किसी और रास्ते से जाना चाहिए था। पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए RJD नेता ने कहा कि छोटन शुक्ला की हत्या कर दी गई थी। लोग उसकी लाश को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। ऐसे में कृष्णैया को किसने मुजफ्फरपुर के रास्ते जाने की सलाह दी? कृष्णैया ने मुजफ्फरपुर का रास्ता चुना इसलिए उनकी हत्या हुई।
तिवारी ने यह भी कहा है कि आनंद मोहन को किसी ने हत्या करते नहीं देखा। पहले डीएम के गार्ड ने बंदूक निकाली थी। उसके बाद भीड़ भड़क गई। उल्लेखनीय है कि दिसंबर 1994 में जब कृष्णैया की हत्या हुई तब वे गोपालगंज के डीएम हुआ करते थे। वे मुजफ्फरपुर के रास्ते पटना से गोपालगंज जा रहे थे। इसी दौरान छोटन शुक्ला की हत्या से आक्रोशित भीड़ ने उनकी हत्या कर दी थी। इस भीड़ की अगुआई कर रहे लोगों में आनंद मोहन भी थे। उन्हें इस मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। लेकिन 10 अप्रैल 2023 को बिहार सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव किया, जिससे उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया था।
वहीं जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी और उनकी बेटी ने राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। उमा देवी ने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई का आम जनता भी विरोध कर रही है। राजनीतिक लाभ के कारण उसकी रिहाई की गई है। मैं सीएम नीतीश कुमार से आग्रह करती हूँ कि वे उसे वापस जेल भेज दें।
Anand Mohan Singh released: Slain IAS officer’s wife appeals to President Murmu, PM Modi to intervene
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— ANI Digital (@ani_digital) April 27, 2023
इस बीच आनंद मोहन के बेटे और RJD विधायक चेतन आनंद ने जी कृष्णैया के परिजनों से मिलने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि शादी के बाद वे कृष्णैया के घर वालों से मिलेंगे। यदि वे अनुमति दें तो वे पहले भी मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम कृष्णैया हम परिवार की पीड़ा समझते हैं। हम उनसे मिलकर यह बताना चाहते हैं कि उनकी हत्या में आनंद मोहन का हाथ नहीं था।