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रिपोर्ट

जफरुल इस्लाम ने कतर में पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मौत की सजा पर दिखाई घृणा, DMC के हैं पूर्व अध्यक्ष

NTN Staff
Last updated: 2023/11/01 at 1:35 PM
NTN Staff 2 years ago
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दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन और इस्लामी लेखक ज़फरुल इस्लाम ने भारत के पूर्व नौसैनिकों को कतर द्वारा दी गई फाँसी की सजा को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि इजरायल के लिए जासूसी की गई है तो कतर में मौत की सजा पाए पूर्व भारतीय नौसैनिकों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं होनी चाहिए।

There must be no sympathy if these ex Navy officers really spied for Israel. India must properly investigate before jumping to defend them. https://t.co/6ybPI3e66x

— Zafarul-Islam Khan (@khan_zafarul) October 31, 2023

जफरुल ने यह भी कहा कि भारत को क़तर में अपने नौसैनिकों का बचाव करने की बजाय इस मामले की जाँच करनी चाहिए। इस तरह एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर किए उनके ट्वीट से भारतीय नौसैनिकों के प्रति घृणा झलकता है। ज़फरुल को 2017 में अरविन्द केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमैन बनाया था।

गौरतलब है कि हाल ही में क़तर में 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई गई है। इनके ऊपर क़तर द्वारा लगाए गए आरोपों की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन कहा जा रहा है कि यह सजा उन्हें इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में दी गई है। इस केस के बारे कुछ भी जानकारी क़तर ने नहीं दी है और ना ही कोई सबूत पेश किए हैं।

यह सब होने के बाद भी ज़फरुल इस्लाम ने मान लिया कि भारतीय नौसैनिकों ने इजरायल के लिए जासूसी की है। उन्होंने इन नौसैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदनहीनता दिखाते हुए उनके प्रति कोई सहानुभूति ना होने का भी ऐलान कर दिया। देखा जाए तो जफरुल इस्लाम ने क़तर की भाषा बोली है।

ज़फरुल के ट्वीट में यह भी बात ध्यान देने वाली बात है कि वह कह रहे हैं अगर इजरायल के लिए जासूसी की है तो कोई सहानुभूति नहीं होनी चाहिए। ज़फरुल ने यहाँ पर भारत और उसके नौसैनिकों के विरुद्ध अपनी घृणा तो जाहिर की ही, साथ ही इजरायल के प्रति भी अपनी घृणा को दर्शाया है। उन्होंने भारत सरकार से इन नौसैनिकों को सहायता देने के स्थान पर मामले की जाँच करने को कह दिया, जबकि भारत सरकार पहले ही कह चुकी है कि इन नौसैनिकों पर लगाए गए आरोपों में दम नहीं है।

हालाँकि, यह पहली बार नहीं है, जब ज़फरुल ने भारत के बजाय अरब देशों का समर्थन किया हो। ज़फरुल ने इससे पहले वर्ष 2020 में फेसबुक पर एक पोस्ट करके भारतीय मुस्लिमों का साथ देने के लिए कुवैत का धन्यवाद दिया था।

ज़फरुल ने इस पोस्ट में भारतीय हिन्दुओं को ‘धर्मान्ध हिंदुत्व’ वाला बताया था। ज़फरुल ने कहा था कि इन हिन्दुओं ने भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार होने की दशा में अरब देशों से आने वाली प्रतिक्रिया का आकलन नहीं किया था।

इसी पोस्ट में उन्होंने इस्लामी जेहादी जाकिर नाइक की तक प्रशंसा की और हिन्दुओं को धमकाया भी। उन्होंने हिन्दुओं को याद दिलाया कि भारतीय मुस्लिमों ने अभी अरबों से भारत में मुस्लिमों से हो रहे अत्याचार की शिकायत नहीं की है। उन्होंने कहा कि जिस दिन यह होगा उस दिन हिंदुत्व के धर्मांध हिमपात का अनुभव करेंगे।

This is fake. The so-called oft-quoted “victim” is unknown.

— Zafarul-Islam Khan (@khan_zafarul) April 19, 2022

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उन पर कथित तौर पर मामला भी दर्ज किया था। ज़फरुल ने इस मामले में बाद में माफ़ी माँग ली थी और कहा था कि उनका बयान ‘आउट ऑफ़ प्रपोर्शन’ था। अप्रैल 2022 में भी ज़फरुल ने मध्य प्रदेश के खरगौन में रामनवमी के दौरान हिन्दुओं पर हुए हमले को भी झुठलाने की कोशिश की थी।



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