पूर्व सांसद आनंद मोहन आजाद हो गया है। 27 अप्रैल 2023 की सुबह उसे सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैया की हत्या में उसे आजीवन कारावास हुई थी। वह 16 साल से जेल में बंद था। बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 को जेल नियमावली, 2012 के नियम 481 में संशोधन कर उसकी रिहाई का रास्ता साफ किया था।
सहरसा जेल अधीक्षक अमित कुमार ने उसकी रिहाई की पुष्टि की है। आनंद मोहन की रिहाई को लेकर नियमों में जो बदलाव किया गया है, उस पर कृष्णैया के परिजन निराशा जता चुके हैं। मीडिया में भी इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। इसका असर रिहाई के समय भी दिखा। जब आनंद मोहन जेल से बाहर निकला तो समर्थकों का कोई जमावड़ा नहीं था। न उसने रोड शो कर अपनी शक्ति दिखाई।
Bihar | Gangster-turned-politician Anand Mohan Singh released from Saharsa jail today, confirms a jail official.
Bihar government had recently amended the prison rules allowing the release of 27 convicts including him. He was serving a life sentence in the 1994 murder of then… pic.twitter.com/1W8fiIm4hN
— ANI (@ANI) April 27, 2023
बेटे चेतन आनंद की सगाई के सिलसिले में आनंद मोहन 15 दिन के पेरोल पर बाहर था। 26 अप्रैल को पेरोल खत्म होने के बाद वह वापस सहरसा जेल लौट गया था। आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। राजनीतिक दलों के अलावा आईएएस एसोसिएशन और डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने भी उसकी रिहाई पर सवाल उठाए थे। उन्होंने बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार करने की बात कही है।
पटना हाईकोर्ट में याचिका
आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में बिहार सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को निरस्त करने की माँग की गई है। याचिकाकर्ता के अनुसार बिहार सरकार द्वारा जेल नियमावली में संशोधन के समय ‘ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या’ वाक्य को हटा दिया गया था। इस संशोधन को गैरकानूनी बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह के निर्णयों से लोक सेवकों और आम जनता का मनोबल कम होगा।
अशोक यादव भी रिहा
बिहार सरकार ने आनंद मोहन के साथ साथ आजीवन कारावास काट रहे 26 अन्य अपराधियों की रिहाई का भी फैसला लिया था। इस सूची में एक मृत कैदी का भी नाम शामिल कर दिया गया था। अन्य लोगों में से कुछ रिहा हो चुके हैं। कुछ की रिहाई प्रक्रिया में है। रिहा होने वालों में हत्या के मामले में सजा काट रहा अशोक यादव भी है।
लखीसराय: कैदी अशोक यादव जेल से हुए रिहा, 20 साल की सजा काट चुके हैं अशोक। pic.twitter.com/MGIcmEJqmE
— News18 Bihar (@News18Bihar) April 26, 2023
अशोक यादव को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। उसने करीब 18 साल जेल में गुजारे हैं। रिहाई के बाद मीडिया से बात करते हुए उसने बिहार सरकार के फैसले की तारीफ की। यादव ने कहा, “सरकार ने बढ़िया काम किया है हमलोगों के लिए।”