मध्य प्रदेश में वादा करके समाजवादी पार्टी को एक भी सीट नहीं देने से अखिलेश यादव और कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से शुरू हुई बयानबाजी अब राहुल गाँधी तक जा पहुँची है। समाजवादी पार्टी के नेता एवं पूर्व मंत्री आईपी सिंह ने राहुल गाँधी के कई अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है।
आईपी सिंह ने कॉन्ग्रेस और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए X पर अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “महागठबंधन की पहल बिहार के 8 बार के यशस्वी CM अति सरल पटेल नीतीश कुमार जी ने की। एक एक पार्टियों को जोड़े और उन्हें महागठबंधन का नेता बनाने के बजाय कॉन्ग्रेस खेल पर उतर आयी।”
उन्होंने आगे कहा, “2019 में चौकीदार चोर है उस पागल मंदबुद्धि राहुल गाँधी के सहारे कॉन्ग्रेस अपने बलबूते चली है मोदी जी को हराने असंभव। जो व्यक्ति अपने सगे भाई वरुण गाँधी जी को नहीं जोड़ पाया वह झूठा मोहब्बत बाँट रहा है। कॉन्ग्रेस की सात पुश्तें समाजवादी पार्टी की कभी कुछ बिगाड़ नहीं पायेंगी। वैसे राहुल गाँधी वंशविहीन हैं। ननिहाल वैसे उनके लिए मुफीद जगह है।”
महागठबंधन की पहल बिहार के 8 बार के यशस्वी CM अति सरल पटेल नीतीश कुमार जी ने की।
एक एक पार्टियों को जोड़े और उन्हें महागठबंधन का नेता बनाने के बजाय कांग्रेस खेल पर उतर आयी।2019 में चौकीदार चोर है उस पागल मंद बुद्धि राहुल गांधी के सहारे कांग्रेस अपने बल बुते चली है मोदी जी को… https://t.co/8WVZp0yXIs
— I.P. Singh (@IPSinghSp) October 21, 2023
समाजवादी पार्टी के संस्थापक समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम यादव का जिक्र करते हुए आईपी सिंह ने कहा, “श्रद्धेय नेता जी कहते थे कॉन्ग्रेस दुश्मन नम्बर एक पार्टी है। उसे कॉन्ग्रेसी बार-बार अपने आचरण से साबित करते हैं। 2004-2014 तक सहयोगी दलों के साथ क्या बर्ताव किया सारा हिन्दुस्तान जानता है। 2004 में बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता श्रद्धेय नेता जी ने 39 सीटें जीतकर दिखाया। बीजेपी 8 सीट पर यूपी में सिमट गयी और 10 वर्ष खड़ी नहीं हो पायी।”
उन्होंने आगे कहा, “सत्ता मिलते ही नेता जी का उत्पीड़न कॉन्ग्रेस ने शुरू कर दिया। केंद्र सरकार से राहुल गाँधी ने समाजवादियों को दूर रखा। माननीय लालू यादव जी को मुसीबत में इसी राहुल गाँधी ने अपनी नादानी से डाला। उसके बाद मोदी ने उन्हें जेल में डाल दिया, जहाँ उनकी किडनी खराब हो गयी। तबसे वे बेचारे जीवन और मौत से जूझ रहे हैं, क्योंकि वे पिछड़े वर्ग के बड़े नेता हैं।”
सपा नेता ने कहा, “बिना PDA के कॉन्ग्रेस कुछ नहीं कर पायेगी। देश में तुम्हारे पैदल यात्रा से उत्तर भारत में कोई फर्क नहीं पडने वाला। जातिगत जनगणना परिवर्तन का मूल आधार बन रहा है, जिसे कॉन्ग्रेस ने भी बीजेपी के साथ रोक रखा था। बिहार ने उसकी पहल कर दी। अब कोई माई का लाल नहीं रोक सकता। जिसकी जितनी संख्या भारी उतनी उसकी हिस्सेदारी।”
श्रद्धेय नेता जी कहते थे कांग्रेस दुश्मन न0 एक पार्टी है उसे कांग्रेसी बार बार अपने आचरण से साबित करते हैं।
2004-2014 तक सहयोगी दलों के साथ क्या बर्ताव किया सारा हिन्दुस्तान जानता है।
2004 में बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता श्रद्धेय नेता जी ने 39 सीटें जीतकर दिखाया बीजेपी 8…
— I.P. Singh (@IPSinghSp) October 21, 2023
इससे पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कॉन्ग्रेस पर तंज कसा था। उन्होंने हरदोई में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आज कॉन्ग्रेस पिछड़ा वर्ग (OBC) का राग अलाप रही है, लेकिन ये वही कॉन्ग्रेस है जिसने जाति जनगणना के आँकड़े सार्वजनिक नहीं किए थे।
अखिलेश यादव ने कहा, “कॉन्ग्रेस अब मुखर हुई है। ये वही कॉन्ग्रेस पार्टी है जिसने जाति जनगणना के आँकड़े नहीं दिए, जाति जनगणना नहीं होने दिए। ये चमत्कार है, क्योंकि अब सबको अहसास हो गया है कि जब तक पिछड़े-दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक भाइयों का साथ नहीं लोगे, आप कामयाब नहीं होगे।”
समाजवादी पार्टी प्रमुख ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री जी खुद कहते हैं कि हम पिछड़े हैं। पिछड़े, दलित, आदिवासी और कुछ अगड़े जाति जनगणना की माँग कर रहे हैं तो उसमें क्या बात है। ये चमत्कार है कि कॉन्ग्रेस भी चमत्कार में आ गई कि उन्हें भी जाति जनगणना चाहिए, क्योंकि वो जानते हैं कि वो वोट जो उनसे जुड़ते थे अब वो उनके साथ नहीं है।”
अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ के ‘अखिलेश-वखिलेश’ वाले बयान पर भी सीधी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जिसके नाम में ही कमल हो तो वो वखिलेश ही कहेंगे, अखिलेश तो नहीं कहेंगे। कमलनाथ को छोटा नेता बताते हुए उन्होंने कहा, “मैं कॉन्ग्रेस के बड़े नेताओं से अपील करूँगा कि अपने छोटे नेताओं से इस तरह के बयान न दिलवाएँ।”
समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने कहा, “ये बात तो ठीक कही उन्होंने… वखिलेश कौन है… अखिलेश तो है ना… तो अगर ये बातें कहेंगे तो समाजवादी पार्टी भी इन बातों को कह सकती है, लेकिन हम उन उलझनों में नहीं फँसना चाहते हैं। कमलनाथ जी से हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं। नाम देखो उनका कितना अच्छा है। जिनके नाम में ही कमल हो तो वो वखिलेश ही कहेंगे, अखिलेश तो नहीं कहेंगे ना।”
दरअसल, कॉन्ग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सारे सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि कॉन्ग्रेस ने वहाँ समाजवादी पार्टी को 6 सीटें देने की बात कही थी, लेकिन सारे सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए। अखिलेश कहा था, “अगर उन्हें पता होता कि राज्यों के स्तर पर गठबंधन नहीं है तो वो कभी किसी बैठक में जाते ही नहीं।”