टिकैत नहीं, मैग्नेट के कारण गंगा में नहीं बहे मेडल: बजरंग-विनेश-साक्षी ने बताई ‘इनसाइड स्टोरी’, कहा- FIR के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएँगे News To Nation

NTN Staff
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ऐलान 30 मई 2023 की दिन में ही हो गया था। शाम होते-होते दल-बल के साथ बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक हरिद्वार में गंगा तट पर थे। मुहुर्त तय था। शाम के 6 बजते ही मेडल गंगा में बहने थे। लाइव कैमरों के बीच ड्रामा-एक्शन होने को था। लेकिन कहानी सास-बहू की डेली सोप की तरह खिंच गई। मेडल गंगा में नहीं बहे। गोदी मीडिया ने पहले खबर फैलाई कि नरेश टिकैत के इंतजार में मुहुर्त का टाइम निकल गया। फिर दावा कर दिया कि टिकैत के कहने पर मेडल नहीं बहे। पाँच दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। खाप पंचायतों की इमरजेंसी बैठक होनी है। ब्ला ब्ला ब्ला

लेकिन हमसे एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बजरंग, विनेश और साक्षी ने गोदी मीडिया के इन तमाम दावों को फेक न्यूज बताया है। जंतर-मंतर पर अगल-बगल खड़े होकर बारी-बारी से बाइट देने वाले इन पहलवानों ने पहली बार एक साथ किसी मीडिया हाउस को इंटरव्यू दिया है। कहा है कि बृज भूषण शरण सिंह की ‘थैली’ मिलने के बाद गोदी मीडिया झूठी खबर फैला रही है। इन्होंने मेडलों के गंगा में नहीं बहने और मुहुर्त बीत जाने की चौंकाने वाली वजह बताई है! वजह पर आने से पहले आप एक वीडियो देखिए, क्योंकि इस वीडियो को देखे बिना आप को समझ ही नहीं आएगा कि पहलवानों की बातें क्यों और कितनी प्रमाणिक हैं।

करीब ढाई मिनट के इस वीडियो में आपने देखा होगा कि एक व्यक्ति ​हरिद्वार में गंगा जी की धारा में कुछ फेंकता है और बहता हुआ माल खींचता है। हरिद्वार में ऐसा करने वालों की कमी नहीं है। यह जानने के लिए आपको हरिद्वार जाने की जरूरत भी नहीं है। यूट्यूब पर सर्च करेंगे तो ऐसे ढेरों वीडियो मिलेंगे। ये उसी तरह से गंगा में बहती हर चीज को खींच लेते हैं, जैसे पाकिस्तान के वैज्ञानिक कबूतर के पिछवाड़े का इस्तेमाल कर आपके नाभि से हेपेटायटिस का कीड़ा खींच सकते हैं।

हमसे एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में तिकड़ी पहलवान ने बताया कि मैग्नेट फेंककर गंगा की धारा से माल खींचने वालों के कारण ही उनका मुहुर्त बीत गया। दरअसल मैग्नेटबाज गंगा तट पर खड़े थे कि इधर ये मेडल बहाएँ और उधर वे गंगा जी से मेडल खींच लें। ये लोग इस तैयारी में भी थे कि तत्काल इन मेडलों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वे देश के लिए मेडल लाने का दावा कर सकें। फिर उनकी देहरादून से दिल्ली तक जाने की तैयारी थी ताकि जमीन-नौकरी-पैसा सब कुछ हासिल हो सके। तिकड़ी पहलवान को यह खबर भी मिल गई थी कि इनसे मोलभाव के लिए सरकार कमेटी का गठन करने जा रही है। बृज भूषण शरण सिंह भी इन्हें सम्मानित कर फोटो खिंचवाने की तैयारी में थे। यूट्यूबर रवीश कुमार के मार्फत यह सूचना भी आई थी कि मैग्नेटबाजों को उसी जमीन-नौकरी-पैसा में से हिस्सा मिलेगा जो तिकड़ी पहलवान को पूर्व में दी गई थी। अचानक पैदा हुई इन परिस्थितियों की वजह से ही गंगा में मेडल नहीं बहे। तिकड़ी पहलवान का यह भी कहना है कि उनके खिलाफ साजिश कर मैग्नेटबाज खड़े किए गए थे। इस शोषण की एफआईआर दर्ज करवाने वे सुप्रीम कोर्ट जाएँगे।

तिकड़ी पहलवानों ने उस खबर को भी झूठ बताया है, जिसमें कहा गया था कि इनके समर्थन में अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। उन्होंने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया है कि दरअसल तिहाड़ जेल ने उनसे कहा है कि वे उनके साथ हैं। अपना समर्थन जताने के लिए अब सुशील कुमार को वे तिहाड़ में नहीं रखेंगे, क्योंकि सुशील कुमार ने भी देश के लिए मेडल जीता है। अब जिन्होंने मेडल जीता है उनकी गुंडई का वीडियो हो या फिर उनके आरोपों की पुष्टि करते सबूत न हो, यह मायने नहीं रखता है। मायने यह रखता है कि उन्होंने देश के लिए जीता है। मेडल!!!


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